उत्तर प्रदेश में तेजी से फ़ैल रहे कोरोना संक्रमण मरीजो को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है! प्रदेश के किसी भी धार्मिक स्थलों पर एक साथ पांच से अधिक लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या चर्च में अब एक साथ सिर्फ पांच लोग ही प्रवेश कर सकेंगे! क्योंकि कोरोना की बेकाबू होती रफ्तार के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों, धार्मिक समारोहों को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि इंसान रहेगा तब ही आस्था व्यक्त कर पाएगा. इंसान से आस्था है, आस्था से इंसान नहीं है. रमजान, नवरात्रि समेत दूसरे त्योहारों को लेकर बयान पर कहां है कि मनुष्य रहेगा तो आस्था रहेगी. चाहे कोई भी धर्मस्थल हो 5 से अधिक लोग इकट्ठा न हों! सीएम योगी के इस बयान पर हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई धर्मगुरु से राय जानी जिसमे सभी धर्मगुरुओं ने सीएम योगी को सवालिया निशान लगा दिया और कटघरे में खड़ा करदिया शादियों में 100, जलसे जलूस में 50 फिर पंचायत चुनाव या चुनाव रैलियों मे कोई गिनती नही धार्मिक स्थानों पर जहाँ अल्लाह, भगवान, ईस्वर निवास करते है वह सिर्फ 5 लोग धर्मगुरुओं ने कहा कि धार्मिक स्थलों से कोरोना नही आता वह से खत्म होता है इस सिलसिले में किया कहा धर्मगुरुओं ने हम आपको सुनते हैं उनकी ज़ुबानी,इस बार भी कहना चाहेंगे कि गाइडलाइन जो लागू की है वह अफसोस मुकाम है हिंदुस्तान के नहीं बल्कि दुनिया में कोरोना दोबारा आ गया है लेकिन जहां तक गाइडलाइंस की बात सवाल है यह गाइडलाइन हर जगह एक हो होनी चाहिए हर मुकाम की होनी चाहिए कहीं हम देख रहे हैं शादी के लिए 50 आदमी 20 आदमी को शव यात्रा के लिए उसके लिए भी मंजूरी दे दी गई वहां जगह पर चुनाव हो रहा है लाखों लोग खट्टा हो रहा है कोई संविधान कोई कानून को लागू नहीं तो करो ना जो है धार्मिक स्थल ही नहीं आ रहा हर जगह करो ना है धार्मिक स्थलों के बजाय बाहर जो चल रही हो रहा है में धार्मिक स्थलों की इजाजत जबकि मंदिर हो वहां पर अल्लाह को और हर आदमी अपने गुरूद्वारे से खुदा को याद करता है और वला दूर होती है दुआएं करता है धार्मिक स्थल पर ज्यादा इजाजत दी जाए ठीक है नहीं दे सकते तो जो 50 गाइडलाइन शादी के लिए है औरों के लिए वह भी इसी में शामिल किया जाए जो लाखों लोग जहां पर चुनाव में चल रहे हैं जरा पंचायत चुनाव चल रहे हैं और वहां कोई कानून नहीं है सकता है कि यहां पर लोगों को तादाद बढ़ाई जाए ताकि लोग करें पूजा करें और खुदा से अपने रब से रमजान शरीफ का दिन है होती है कुरान पढ़ा जाता है कुरान के बारे में जो होती है नहीं आती है आती है और हर जगह पर चाय को मंदिर गुरुद्वारा हो हर मजहब के लोग जब आते हैं गुरुद्वारे में अपने इबादत करते हैं तो उनकी है अल्लाह दुआ में डाल देता है और अनुदान उस उस तरह भी ऐसा रमज़ान है तो पूरी में दुख दर्द दूर होता है दूर होती है मैं सरकार से गुजारिश करूंगा सभी से अपील करता हूं की धार्मिक स्थलों पर अधिक इजाज़त दी जाए!